GST 3B: इसी माह से लागू बिल समाधान प्रणाली में कई दिक्कतें, जीएसटी 3बी में सेव नहीं हो रहा डाटा, परेशान हो रहे व्यापारी

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केंद्र सरकार द्वारा एक नवंबर से लागू की गई बिल समाधान प्रणाली में कई दिक्कतें आ रही हैं। कर सलाहकारों का कहना है कि अक्टूबर का जीएसटी 3बी भरने में परेशानी आ रही है। इसमें कभी डाटा सेव नहीं होता, तो कभी पोर्टल बंद हो जाता है।

इस बिल प्रबंधन प्रणाली में पुराने माह के कुछ बिल भी दिख रहे हैं, जिस कारण कर सलाहकार असमंजस में हैं कि उनका क्या करें? इन हालात के बीच व्यापारी चिंता में है, कहीं उन पर किसी तरह की पेनाल्टी न लगा दी जाए।

एक नया परिवर्तन जीएसटीएन (जीएसटी नेटवर्क) ने यह किया है कि तिमाही विवरणी भरने वाले व्यापारियों के लिए प्रतिमाह उपलब्ध होने वाली 2बी की सुविधा बंद कर दी है एवं उन्हें कहा जा रहा है कि वह बिल प्रबंधन प्रणाली के अनुसार ही देखकर अपनी मासिक कर दायित्व का भुगतान करें।

सलाहकार यह नहीं समझ पा रहे हैं कि जब पहले 2बी सुविधा दी जाती थी तो इस नई व्यवस्था आने के बाद उसको क्यों बंद किया जा रहा है? आईटी के युग में जब आपका मोबाइल और आधार के साथ बैंक खाते भी लिंक हो चुके हैं, ऐसे में आपके द्वारा किया गया कोई खर्च आयकर विभाग व सरकार से छुपा नहीं है।’ टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन और सीए शाखा के सेमिनार में विशेषज्ञ चार्टर्ड अकाउंटेंट ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि भारी नकदी के व्यवहार व ट्रांजेक्शन परेशानी में डाल सकते हैं। ऐसे में आयकर के नोटिस का जोखिम बढ़ जाता है। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में हुए सेमिनार में नकद ट्रांजेक्शन व आयकर के नियमों पर बात की गई। कर सलाहकार एडवोकेट महेश अग्रवाल ने संबोधित किया।

टीपीए सचिव सीए अभय शर्मा ने कहा कि यदि कैश ट्रांजेक्शन में ब्लैक मनी या मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका होती है तो आयकर विभाग के अलावा ईडी व अन्य जांच एजेंसियां भी नोटिस जारी कर सकती है।

मुख्य वक्ता एडवोकेट अग्रवाल ने कहा कि संपत्ति की खरीद के लिए कैश ट्रांजेक्शन, किसी करदाता के यहां किसी अन्य के कैश ट्रांजेक्शन मिलने, बैंक खातों से बड़ा कैश निकालने या जमा करने पर भी आयकर की नजर होती है।

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