बलिया जिले के सात विधायकों में से एक ने भी वित्तीय वर्ष 2024-25 में अपनी स्वास्थ्य निधि से किसी गरीब का इलाज नहीं कराया। हालांकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में दो मंत्री और सपा के एक विधायक ने जिले के चार गरीबों के इलाज के लिए ग्राम्य विकास विभाग को आवेदन दिया था। इनमें दो का आवेदन निरस्त हो गया। दो लोगों को स्वास्थ्य निधि से मदद मिली।
पात्रता के लिए ये जरूरी
शर्त यह है कि मरीज के परिवार की सालाना आय एक लाख रुपये से ऊपर न हो। वह राज्य व केंद्र सरकार के किसी स्वास्थ्य संबंधी योजना का लाभार्थी न हो। आवेदन के लिए आय, जाति, निवास और आधार समेत कई जरूरी कागजात लगते हैं। ग्राम्य विकास विभाग केवल पीजीआई और एम्स में भर्ती होने पर बिल का भुगतान करता है। अन्य निजी व सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर निधि का लाभ नहीं दिया जाता।
इन मदों में कर सकते हैं खर्च
एक विधायक को एक साल में पांच करोड़ रुपये की विधायक निधि मिलती है। वह स्वास्थ्य सेवाओं, उपकरण, उपचार, स्कूल, बरातशाला, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, रोड निर्माण समेत 30 से अधिक स्थानों पर धनराशि खर्च कर सकते हैं।
जिम्मेदार बोले…
विधायक निधि से अब तक 100 से अधिक असहाय लोगों को इलाज के लिए मदद मुहैया कराई गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से भी लोगों को इलाज के लिए धनराशि मुहैया कराई गई है। -दानिश आजाद अंसारी, राज्यमंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ व हज
अपने विधानसभा क्षेत्र के पांच सौ लोगों की मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद कराई है। विधायक निधि से भी आवश्यकता पड़ने पर गरीबों के इलाज के लिए आर्थिक मदद करती हूं। -केतकी सिंह विधायक, बांसडीह
मुख्यमंत्री राहत कोष से इस वर्ष अबतक 1.75 करोड़ रुपये की मदद गरीब व असहाय लोगों को मुहैया कराई गई है। विधायक स्वास्थ्य निधि से भुगतान होने में करीब दो से तीन महीने का समय लग जाता है। इसके बावजूद असाध्य रोगों से पीड़ित गरीब परिवारों को विधायक निधि से मदद करता हूं।