‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार’, राघव चड्ढा ने राज्यसभा में उठाई निंदा प्रस्ताव की मांग

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संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। लेकिन लगातार सदन में हो रहे हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों को स्थगित करना पड़ रहा है। इस बीच सांसद राघव चड्ढा ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया। साथ ही उन्होंने मांग की कि सदन सामूहिक रूप से इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की हिरासत पर चर्चा करे और इसकी निंदा करें। राघव चड्ढा ने कहा कि आज राज्यसभा में कार्यवाही स्थगित नोटिस देकर ये मांग रखी की सदन की आज की सारी कार्यवाही को स्थगित करके एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कराई जाए।

बांग्लादेश मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं राघव चड्ढा

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार, हमलों पर चर्चा कराई जाए। हाल ही में इस्कॉन के संत चिन्मय दास की अवैध गिरफ्तारी जो की गई है, इसपर चर्चा की मांग की थी। उन्होंने कहा, ‘इसपर मैंने ये मांग रखने का प्रयास किया सरकार बांग्लादेश हुकूमत से क्या बात कर रही है, जब से बांग्लादेश में तख्ता पलट हुआ है, उसके बाद से हिंदुओं को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, इसपर सरकार सदन में जवाब दे। साथ ही पूरा सदन एक साथ चिन्मय दास की गिरफ्तारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव जारी करे।’

चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर मचा बवाल

बता दें कि बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद से ही लगातार हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। इसी कड़ी में बीते दिनों इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को दिनों गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में आज राघव चड्ढा ने सदन में चर्चा करने की मांग की। इस बीच बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण बताया है। साथ ही उन्होंने मांग की है कि बांग्लादेश सरकार चिन्मय दास को तत्काल रिहा करे।

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