किसानों पर पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, शंभू बॉर्डर पर बढ़ा तनाव

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पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू बॉर्डर पर विरोध स्थल से 101 किसानों के जत्थे ने दोपहर 12 बजे दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च शुरू किया. इस दौरान किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले दागे. जानकारी के दौरान इस दौरान कुछ किसान घायल हुए हैं. जिन्हें इलाज के लिए पास के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है. शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर किसानों का विरोध मार्च फिर से शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही हरियाणा सरकार ने ‘सार्वजनिक शांति’ बनाए रखने के लिए अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाओं को निलंबित कर दिया था. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह निलंबन 17 दिसंबर तक लागू रहेगा.

“किसानों को अदालत की बात माननी चाहिए”

हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसानों को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए अस्थायी रूप से अपना विरोध प्रदर्शन रोक देना चाहिए. अनिल विज ने कहा कि शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए कुछ समय मांगा है और सुझाव दिया है कि किसान अपना विरोध प्रदर्शन रोकने पर विचार करें.

क्या हैं किसानों की मांग

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं. वे केंद्र पर अपने मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का भी दबाव बना रहे हैं.

सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर बढ़ने के उनके प्रयासों को रोकने के बाद, किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं

हरियाणा की सीमा पर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है. इससे पहले हरियाणा सरकार ने छह से नौ दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाएं निलंबित कर दी थीं. शनिवार को जारी एक नए आदेश में मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं वॉइस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं, बल्क एसएमएस और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को निलंबित करने का आदेश देती हूं.”

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी

इस बीच, खनौरी सीमा पर 18 दिनों से अधिक समय से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत काफी बिगड़ गई है. उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने वजन कम होने और अस्थिर ब्लड प्रेशर की सूचना दी है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को डल्लेवाल के लिए चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दियाय कोर्ट ने कहा उनका जीवन आंदोलन से ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह सुझाव भी दिया कि किसान विरोध के लिए गांधीवादी तरीके अपनाएं.

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