भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल और जाने-माने वकील मुकुल रोहतगी ने आज अदाणी समूह (Adani Group) के खिलाफ लगे आरोपों पर सफाई दी है. उन्होंने अदाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार बताया है. मुकुल रोहतगी ने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) के आरोपपत्र में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर रिश्वतखोरी या न्याय में बाधा डालने का कोई आरोप नहीं है.
मुकुल रोहतगी ने अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपों पर भ्रामक न्यूज रिपोर्टों का खंडन करने के लिए मीडिया से बातचीत की.
चार्जशीट में अदाणी ग्रुप के अधिकारियों का नाम नहीं
मुकुल रोहतगी ने बताया कि यह एक चार्जशीट की तरह है . इस चार्जशीट को देखने के बाद साफ है कि पहले आरोप में गौतम अदाणी को नहीं बल्कि कुछ अन्य व्यक्तियों को शामिल किया गया है. इसमें (यूएस) विदेशी भ्रष्टाचार अधिनियम का उल्लंघन करने की साजिश का आरोप है. इसमें अदाणी ग्रुप के अधिकारियों का नाम नहीं है.
किसे और कितनी रिश्वत दी गई स्पष्ट नहीं: मुकुल रोहतगी
उन्होंने एनडीटीवी से हुई बातचीत में बताया कि यह आरोपपत्र बहुत सामान्य है और इसमें कुछ भी साफ नहीं है. उन्होंने कहा कि आरोपपत्र में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किसे रिश्वत दी गई, कितनी रिश्वत दी गई और किस कॉन्ट्रैक्ट के लिए दी गई. चार्जशीट में रिश्वत की राशि या किसे भुगतान किया गया, इसका कोई उल्लेख नहीं है. हालांकि, अदाणी समूह के अधिकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड से संबंधित आरोपों का जवाब अपने तरीके से देंगे और शेयर बाजार को भी सूचित करेंगे.