लखनऊ में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ मुस्लिमों ने निकाला कैंडल मार्च

Spread the love

उत्‍तर प्रदेश में लखनऊ की सड़कों पर शनिवार रात जो नजारा देखने को मिला, वो काबिले तारीफ था. सड़कों पर कई मुस्लिम हाथों में मोमबत्‍ती लिये नजर आ रहे थे, जो बांग्‍लादेश के हालात को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. मुस्लिम शिया समुदाय के कई सदस्यों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ ‘अत्याचारों’ के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कैंडललाइट मार्च निकाला. शनिवार को लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा में कैंडल मार्च निकाला गया. मार्च का नेतृत्व करने वाले मौलाना कल्बे जवाद ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों का जायजा लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर दबाव डालने और पाकिस्तान को ‘आतंकवादी देश’ घोषित करने का आग्रह किया.

मौलाना कल्बे जवाद ने को बताया, ‘हमें हमेशा उत्पीड़क के खिलाफ और उत्पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़ा होना सिखाया जाता है. हम भारत सरकार से संयुक्त राष्ट्र पर दबाव बनाने और पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने का आग्रह करते हैं.’ उन्होंने अत्याचार नहीं रुकने पर बांग्लादेश के खिलाफ ‘सख्त कार्रवाई’ करने की भी अपील की है. जवाद ने कहा, ‘अगर बांग्लादेश अपने तरीके नहीं सुधारता है, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.’

मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ नारे लगाए. गौरतलब है कि बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमले हुए हैं. अल्पसंख्यकों के घरों में आगजनी और लूटपाट और देवताओं और मंदिरों में तोड़फोड़ और अपवित्रता के मामले भी सामने आए हैं. भारत ने बार-बार बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी शामिल है.

हाल ही में, विदेश सचिव मिस्री ने 9 दिसंबर को ढाका का दौरा किया था. इस साल अगस्त में शेख हसीना के प्रधान मंत्री पद से हटने और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता संभालने के बाद से यह भारत की ओर से बांग्लादेश की पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी. अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान, मिस्री ने मीडिया से कहा कि भारत सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों की इच्छा रखता है और यह संबंध जन-केंद्रित है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *