देश में संविधान के 75 साल पूरे होने पर संसद में चर्चा हो रही है। संविधान पर चर्चा के दौरान आज पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देंगे। पीएम मोदी से पहले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी लोकसभा में बोलेंगे। प्रधानमंत्री का भाषण शाम चार बजे के करीब होगा, जबकि राहुल गांधी का संबोधन करीब दो बजे के आसपास होगा। शुक्रवार की चर्चा में विपक्ष और पक्ष के बीच जोरदार वार-पलटवार देखने को मिला था। सरकार की ओर से जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोर्चा संभाला था। वहीं विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव समेत बाकी सांसदों ने तीखा हमला बोला था।
राहुल गांधी का संबोधन शुरू
संसद में संविधान पर दो दिवसीय चर्चा का दूसरा दिन है। राहुल गांधी का संबोधन शुरू हो चुका है। इसके बाद सुप्रिया सुले, डॉ. एस जयशंकर और पीएम मोदी को बोलना है। पीएम मोदी शाम 5.45 बजे विपक्ष के सवालों और आरोपों पर जवाब देंगे।
तेजस्वी सूर्या ने कच्चातीवु द्वीप के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा
लोकसभा में भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, “कच्चातीवु नामक द्वीप को कांग्रेस पार्टी और डीएमके ने संविधान में वर्णित किसी भी उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना 1974 में श्रीलंका को दे दिया था। जब पंडित नेहरू से इस अत्यंत महत्वपूर्ण द्वीप कच्चातीवु के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मैं इस छोटे से द्वीप को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता और मुझे इस पर अपना दावा छोड़ने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी।” यह पंडित नेहरू का एक अत्यंत महत्वपूर्ण द्वीप पर रुख था। संसद को विश्वास में नहीं लिया गया। भारत से संबंधित एक अत्यंत महत्वपूर्ण द्वीप को कांग्रेस ने राजनीतिक कारणों से उपहार में दे दिया। हाल ही में पता चला कि यूपीए सरकार सियाचिन को भी पाकिस्तान को देने के लिए तैयार थी। यह इस देश की क्षेत्रीय अखंडता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता है।”
शाम 5.45 बजे पीएम मोदी देंगे जवाब
सदन में किरेन रिजिजू बोल चुके हैं। उनके बाद ए राजा, राहुल गांधी, सुप्रिया सुले, तेजस्वी सूर्या, डॉ. एस जयशंकर और पीएम मोदी को बोलना है। पीएम मोदी शाम करीब 5:45 बजे बोलेंगे। वह पहले चार बजे बोलने वाले थे। ऐसे में राहुल गांधी के बोलने का समय भी आगे बढ़ाया जा सकता है।
किरेन रिजीजू ने कांग्रेस पर साधा निशाना
किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा”पूर्व रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि मैं देश का रक्षा मंत्री हूं और मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि हमारी कांग्रेस सरकार ने नीति तय की थी कि सीमावर्ती इलाकों में सड़कें नहीं बननी चाहिए। अगर सड़कें बनीं तो चीन उसी रास्ते से आएगा और हमारी जमीन पर कब्जा कर लेगा।”
पीड़ित अल्पसंख्यक भारत में शरण लेते हैं- रिजीजू
किरेन रिजिजू ने कहा “एक नैरेटिव बनाया जा रहा है। यूरोपियन यूनियन में सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस के सर्वे के अनुसार यूरोपियन यूनियन में 48% लोग भेदभाव के शिकार हुए हैं। इनमें से ज़्यादातर मुसलमान हैं, इस्लाम को मानने वाले हैं। फ्रांस में भेदभाव की कई रिपोर्ट पेश की गईं। उसमें बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सिर पर स्कार्फ़, बुर्का पहनने वालों पर आपत्ति जताई और कहा कि उनके साथ ये भेदभाव हो रहा है। स्पेन में मुसलमानों के खिलाफ़ आंतरिक घृणा अपराधों की रिपोर्ट इतनी ज़्यादा है, इसका भी रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया है…आप पाकिस्तान की हालत जानते हैं, बांग्लादेश में क्या होता है, आप लोग जानते हैं कि अफ़गानिस्तान में सिखों, हिंदुओं, ईसाइयों के साथ क्या हुआ है, चाहे तिब्बत की समस्या हो या म्यांमार की, श्रीलंका की या बांग्लादेश की, पाकिस्तान की या अफ़गानिस्तान की, अगर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है या कोई समस्या आती है, तो सबसे पहला देश जहां वे सुरक्षा मांगने आते हैं, वो है भारत। फिर ऐसा क्यों कहा जाता है कि इस देश में अल्पसंख्यकों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है…मैं यह कह रहा हूं कि ऐसी बातें नहीं कही जानी चाहिए जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचे, मैं यह किसी एक पार्टी के लिए नहीं कह रहा हूं। मैं यह देश के लिए कह रहा हूं।”
हमारा संविधान सबसे सुंदर- रिजीजू
किरेन रिजिजू ने कहा “मैं ऐसे क्षेत्र से आता हूं, जहां मैंने पहले हवाई जहाज देखे और बाद में कारें देखीं, क्योंकि मेरे सांसद बनने के बाद ही कारों के लिए सड़कें बनीं। जब प्रधानमंत्री ने मुझे उस जगह बैठने का मौका दिया, जहां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बैठे थे। जब मैं इस देश का कानून मंत्री बना। कानून मंत्री का पद संभालने से पहले मैंने सबसे पहले यह समझने की कोशिश की कि बाबा साहब अंबेडकर क्या चाहते थे, उनके मन में कौन सी बातें और विचार थे, जो वे नहीं कर पाए। पहली बात जो मेरे दिमाग में आई, वो ये थी कि बाबा साहब अंबेडकर इस देश के पहले कानून मंत्री बने लेकिन उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, इस पर अक्सर लोगों के सामने चर्चा नहीं होती। मैंने वो पत्र पढ़ा जो बाबा साहब अंबेडकर ने पंडित नेहरू जी को लिखा था, जो उस समय प्रधानमंत्री थे। हमारा संविधान न केवल दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है बल्कि दुनिया का सबसे सुंदर संविधान भी है।”
किरेन रिजीजू ने की चर्चा की शुरुआत
भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “मुझे गर्व है कि जब प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल शुरू हुआ तो उन्होंने संविधान की इसी भावना का पालन करते हुए अपनी सरकार का मंत्र इस देश के सामने रखा। और वह मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास।”