क्या राहुल गांधी नाम के रह जाएंगे विपक्ष के नेता? ममता दीदी के साथ कौन-कौन और क्यों

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Rahul Gandhi vs Mamata Banerjee: राहुल गांधी क्या विपक्ष के नेता होते हुए भी विपक्ष के नेता नहीं रहेंगे? ये सुनने में सवाल अटपटा लग सकता है, लेकिन राजनीति अब इसी ओर करवट लेती दिख रही है. कारण अभी राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं. ये एक संवैधानिक पद है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से अब तक I.N.D.I.A. गठबंधन के भी सभी नेता राहुल गांधी की अगुवाई में ही संसद में तमाम मुद्दों का विरोध या समर्थन कर रहे थे, लेकिन अब शायद कुछ दिनों बाद नजारा कुछ और हो. कारण I.N.D.I.A. गठबंधन अब कांग्रेस की अगुवाई नहीं चाहता. ममता बनर्जी ने खुद नेतृत्व करने की इच्छा जताई तो तमाम दल उनके पीछे हो लिए. ऐसे में अगर I.N.D.I.A. गठबंधन के घटक दलों ने कांग्रेस को छोड़कर ममता दीदी को नेता मान लिया तो तकनीकी रूप से तो राहुल गांधी विपक्ष के नेता होंगे, लेकिन असल में फिर विपक्ष की नेता ममता बनर्जी हो जाएंगी और राहुल गांधी की ताकत सदन के अंदर और बाहर दोनों कम हो जाएगी.

लालू यादव ने भी हाथ छोड़ा

सोनिया गांधी के समय से गांधी परिवार का दूसरे दल में कोई सबसे करीबी नेता रहा तो वो लालू यादव रहे. सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी से भी उनकी करीबी रही. ये अलग बात है कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते राहुल गांधी ने जो कागज प्रेस कांफ्रेंस में फाड़ा था, उसी के कारण लालू यादव को जेल जाना पड़ा था. फिर भी लालू यादव ने कभी राहुल गांधी से रिश्ते नहीं बिगाड़े. 2024 के लोकसभा चुनाव के समय जब नीतीश कुमार कोशिश कर रहे थे कि उन्हें पीएम उम्मीदवार न सही, कम से कम I.N.D.I.A. गठबंधन का नेता चुन लिया जाए तो लालू यादव ने हंसी मजाक में ही नीतीश कुमार के सपनों को चकनाचूर कर दिया. उन्होंने राहुल गांधी की शादी की बात छेड़ बातों-बातों में उन्हें दूल्हा और गठबंधन के सभी साथियों को बाराती बना दिया. यही लालू यादव मंगलवार को उन विपक्षी नेताओं की फेहरिस्त में शामिल हो गए, जिन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को I.N.D.I.A. गठबंधन के प्रमुख के रूप में अपना समर्थन दिया है. कांग्रेस पर हमला करते हुए लालू ने यहां तक कह दिया, ‘‘कांग्रेस की आपत्तियां व्यर्थ हैं. ममता को नेतृत्व की भूमिका दी जानी चाहिए.” तृणमूल कांग्रेस की नेता सुष्मिता देव ने कहा कि भाजपा को हराने की रणनीति में पूरा I.N.D.I.A. गठबंधन एकजुट है. राज्यसभा सदस्य ने यह भी कहा कि भाजपा को चुनावी तौर पर हराने की ममता बनर्जी की क्षमता ने कई नेताओं को उन्हें नेतृत्व की बड़ी भूमिका में देखने की इच्छा व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया है.

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