शीतकालीन सत्र है, माहौल भी शीत ही रहेगा… NDA की बंपर जीत से जोश में दिखे PM मोदी, संसद के बाहर से कांग्रेस को सुनाया

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महाराष्ट्र और यूपी उपचुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत से बीजेपी जोश में है. और यही जोश सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में दिखाई दिया. सत्र शुरू होने से पहले परंपरा के तहत मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी के पहले ही शब्द विपक्ष की करारी हार के बाद से पस्त विपक्ष पर कटाक्ष थे. मोदी ने विपक्षी सांसदों को हंगामे और संसद की कार्रवाई न चलने देने को लेकर आईना दिखाया. उन्होंने कहा कि जनता सबकुछ देखती है और इसकी सजा भी देती है. उन्होंने संसद में विपक्षी सांसदों से स्वस्थ चर्चा में हिस्सा लेने की अपील की. मोदी ने विपक्षी सांसदों को सुनाते हुए कहा, ‘कुछ मुट्ठीभर लोगों के हुड़दंगबाजी के जरिए संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास किया जाता रहा है. ऐसे लोगों को जनता ने भी अस्वीकार किया है.’ हालांकि विपक्षी सांसदों पर पीएम मोदी की इस अपील का असर नहीं दिखा और संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन का पहला घंटा हंगामे की भेंट चढ़ गया. जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी सांसद संभल बवाल पर चर्चा की मांग करने लगे. हंगामा बढ़ने पर सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.

पीएम मोदी ने हंगामे पर विपक्षी सांसदों को दी नसीहत

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष को जमकर सुनाया. उन्होंने इशारों ही इशारों में ये भी साफ कर दिया कि सदन का बर्बाद समय न किया जाए बल्कि सही तरह से कामकाज होने दिया जाए. पीएम मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र है तो माहौल भी शीत ही रहेगा.

शीतकालीन सत्र है, माहौल भी शीत ही रहेगा. 2024 का अंतिम कालखंड चल रहा है. देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा है संसद का यह सत्र अनेक प्रकार से विशेष है. सबसे बड़ी बात यह है कि हमारा संविधान 75वें साल में प्रवेश कर रहा है. यह लोकतंत्र के लिए बहुत उज्ज्वल अवसर है. कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष और उसके उत्सव की मिलकर शुरुआत करेंगे.

 “मुट्ठी भर लोगों संसद में करते हैं हुड़दंगबाजी”

विपक्ष वक्फ बोर्ड और मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. लेकिन पीएम मोदी ने पहले ही कह दिया है कि विपक्ष को अपने दायित्वों को समझते हुए उसी के अनुरूप व्यवहार करना चाहिए. सदन का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा है कि संसद में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें.

संसद में स्वस्थ चर्चा हो. ज्यादा से ज्यादा लोग, चर्चा में अपना योगदान दें. दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, जिनको जनता ने भी अस्वीकार किया है, ऐसे मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंग बाजी से संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. देश की जनता उनके व्यवहार को देखती है और जब समय आता है तो सजा भी देती है. सबसे ज्यादा पीड़ा की बात यह है कि जो नए सांसद होते हैं, जो नए ऊर्जा लेकर आते हैं, ये सभी दल में आते हैं, उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच देते हैं. सदन में बोलने का उनको अवसर तक नहीं मिलता है.
पीएम मोदी ने इशारों ही इशारों में कांग्रेस पर करारा कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि नकारे हुए दल न तो संसद का कामकाज ही होने देते हैं और न ही वह लोकतंत्र का सम्मान करते हैं.
अस्सी-अस्सी नब्बे-नब्बे बार जनता ने जिनको नकार दिया है, वे न संसद में चर्चा होने देते हैं, न लोकतंत्र का सम्मान करते हैं, न ही वह लोगों की आकांक्षाओं को समझते हैं. इसका परिणाम है कि वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते हैं. परिणामस्वरूप जनता को उन्हें बार बार रिजेक्ट करना पड़ रहा है.
संसद का यह सत्र कई मायनों में खास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2024 का आखिरी चरण चल रहा है. देश 2025 की तैयारी कर रहा है. संसद का यह सत्र कई मायनों में खास है और सबसे अहम बात संविधान के 75वें साल की शुरुआत है. कल, संविधान सदन, हर कोई हमारे संविधान की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान की 75 साल की यात्रा अपने आप में लोकतंत्र के लिए बहुत ही उज्ज्वल अवसर है. कल संविधान सदन में सब मिलकर इस संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की मिलकर शुरुआत करेंगे.

वक्फ समेत इन विधेयकों पर हंगामे के आसार

संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों की 19- 9 बैठकें होनी हैं. सरकार ने सत्र में विचार के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक समेत 16 विधेयकों की सूची तैयार की है. लोकसभा में आठ और राज्यसभा में दो विधेयक लंबित हैं. इन विधेयकों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है.

विपक्ष के पास मुद्दों की लिस्ट पहले से तैयार

सत्र के दौरान केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद से पारित कराने की कोशिश करेगी. इसमें बैंकिंग नियम (संशोधन) विधेयक और रेलवे (संशोधन) विधेयक शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा में पिछले सत्र में पेश किया गया था. लेकिन वे पारित नहीं हो पाए थे. राज्यसभा में भारतीय वायुयान विधेयक पेश किया जाएगा, जिसे मानसून सत्र में लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है. कई अहम विधेयकों पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल ऐतराज कर सकते हैं. ऐसे में संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहना तय माना जा रहा है.

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